बदलती लाइफस्टाइल में भोजन को न करे नजरअंदाज

खानपान
बदलती लाइफ स्टाइल में भोजन को न करें नजरअंदाज
कम खाइए नमक, चीनी व मैदा
जागरण संवाददाता, वाराणसी : भोजन में शामिल कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन में थोड़ी सावधानी बरतकर अपना स्वास्थ्य तो ठीक रख ही सकते हैं। तंदुरुस्ती के मामले में दूसरों के लिए प्रेरक भी बन सकते हैं। खासकर फास्टफूड के इस दौर में जब इसे ही भोजन मान लिया जाता हो। ऐसे में हम कुछ सावधानी बरतकर मोटापा सहित कई अन्य रोगों से अपना बचाव कर सकते हैं।
‘सफेद महानुभावों’ में रखें संतुलन : सुबह नाश्ता राजा जैसा, दिन का खाना रानी वाला, रात में फकीर व्यक्ति की तरह हो तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। तीनों में ही तीन सफेद खाद्य पदार्थ नमक, चीनी, मैदा का अहम रोल होता है। भोजन में तीनों ‘सफेद महानुभाव’ अधिक या कम होंगे तो बीमारी जरूर
• फास्टफूड के चलते बढ़ी फैटी लिवर के मरीजों की संख्या
लेकर आएंगे। आधुनिक लाइफ स्टाइल और फास्ट फूड अधिक से अधिक खाने से इन दिनों फैटी लीवर के केस अधिक देखने को मिल रहे हैं।
बढ़ रहे फैटी लीवर के मामले : चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के वैद्य अजय कुमार बताते हैं कि दिनों हमारे चिकित्सालय
में रोजाना फैटी लीवर वाले मरीजों की संख्या 50 को पार कर रही है। इसमें युवा भी शामिल हैं। दिन की शुरुआत कम खाने से, दिनभर में शीतल-गर्म पेय पदार्थ का अधिक प्रयोग और रात में ठूंस कर खाने से फैटी लीवर की आशंका बढ़ जाती है। शराब – बीयर का सेवन इसमें सहायक होता है। तीन सफेद वस्तुओं की भूमिका तो महत्वपूर्ण है।
फैटी लीवर के ये हैं लक्षण थकान, वजन घटना, पेट के ऊपरी हिस्से या बीच में दर्द, पेट में सूजन, त्वचा और आंख पीली होने पर व्यक्ति को चेत जाना चाहिए। किसी में ऐसे लक्षण दिखते हैं तो योग्य वैद्य की सलाह से कालमेघ, कुटकी, भूमिआवला, गुडुची, पुनर्नवा व रोहितक औषधियों का सेवन करना चाहिए।
गर्मी के दिनों में अत्यधिक गर्म हवा के झोंकों से लू लगना , पानी की कमी या डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है, ऐसे मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। अगर समय रहते इन बीमारियों का उपचार न किया जाये तो इनके परिणाम भयंकर हो सकते हैं| गर्मी के दिनों में उच्च तापमान लगने का डर अधिक होता है। इसे हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और सनस्ट्रोक (Sun Stroke)भी कहते है | ग्रीष्म ऋतु में शरीर से बार-बार और अधिक मात्रा में पसीना निकलते रहने के कारण पानी, और लवण की कमी हो जाती है। इससे शरीर के तापमान एकाएक बढने लगता है और शरीर के जलियांश सूखने लगते हैं। शरीर से पानी और नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। यह एक जानलेवा बीमारी है जिसमें चक्कर आना, उलटी आना, रक्तचाप कम हो जाना, बुखार आदि हो सकता है और समय से चिकत्सा नहीं मिलने पर इससे पीड़ित व्यक्ति कि मौत भी हो सकती है |
इन सभी बातो पर चर्चा कर रहे है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार से
क्या है लू लगने के लक्षण ?
1. अत्यधिक प्यास लगना एवं मुंह सूखना,
2. शरीर, आंख, हाथ-पैर के तलवों में जलन और कमजोरी
3. शरीर का तापमान बढ़ना या तेज बुखार होना
4. नाड़ी की गति और सांस तेज चलना
5. बदन में दर्द एवं कमजोरी महसूस होना,
6. बेहोशी जैसी स्थिति का होना
7. काफी पसीना आना या एकदम पसीना आना बंद हो जाना
लू लगने से कैसे बच सकते है ?
1. तेज गर्म हवाओं में नंगे बदन और नंगे पैर बाहर जाने से बचें। धूप से बचने के लिए सिर पर टोपी या छाता लगाकर निकलें।
2. धूप में निकलने से पहलें पूरे शरीर को किसी कपड़े से कवर करके और सूती कपड़े पहनकर ही निकले | काले गहरे रंग के रेशमी या सिंथेटिक के कपड़े नही पहने |
3. धूप में निकलते समय आँखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें |
4. घर से पानी या शरबत जैसे आम पन्ना, शिकंजी, खस का शर्बत पीकर निकलें एवं साथ में पानी लेकर चलें।
5. भोजन करके ही बाहर निकलें, कभी भी खाली पेट बाहर न निकले ।
6. एकदम गर्मी से आकर ठंडा पानी नही पीना चाहिए
7. धूप में से आकर ठंडे कमरे में जाना और ठंडे कमरे से धूप में तुरंत नहीं जाना चाहिए |
8. कार या अन्य बंद वाहन दोपहर में अंदर से ज्यादा गर्म हो गयी हो तो पहले शीशे खोलकर गाड़ी से गर्म हवा बाहर निकाल दे | फिर ऐ. सी. चला दें अंदर का तापमान सामान्य होने पर ही गाड़ी में बैठे |
9. दो पहिया वाहन तेज़ धूप में ना चलाये |
आयुर्वेद में क्या है लू से बचने के उपाय ?
1. लू लगने पर कच्चे आम का पन्ना पीना काफी फायदेमंद होता है | कच्चे आम को पकाकर इसमें जीरा, धनिया, चीनी , नमक, कालीमिर्च डालकर पन्ना बनाकर पिए |
2. कच्चे नारियल का पानी, नीबू की शिकंजी आदि प्यास लगने पर बार-बार पिएं।
3. प्रतिदिन खस, ब्राह्मी, चंदन, फालसा, गुलाब, केवड़ा, का शरबत पीने से लू से बचा जा सकता है
4. छाछ या लस्सी का पर्याप्त सेवन करें। इसमें काला नमक और जीरा पाउडर मिलाकर गर्मियों में लू से बचने के लिए नियमित सेवन करें |
5. गन्ने का रस सेहत के लिए गुणकारी ओषधि है। इसमें मौजूद मिनरल्स शरीर को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करते हैं और लू से बचाते है ।
6. चने का सत्तू , चीनी या नमक मिलाकर गर्मी में पीने से शीतलता मिलती है|
7. ककड़ी, खरबूजा, तरबूज, संतरा, फालसा, शहतूत, अनार के रस का नियमित सेवन करें।
8. पुदीने, सौंफ, इलायची, धनिया, काला नमक, जीरा आदि अपने खाने में शामिल करें|
9. हलका, सुपाच्य आहार जैसे चावल का मांड, पतली खिचडी, मसूर की दाल का सूप पिएं।
10. चंदन के पाउडर को पानी में घोलकर पेस्ट बना पूरे बदन में लगाएं | इससे काफी शीतलता मिलती है और शरीर का तापमान भी कम होता है |
11. अत्यधिक गर्मी के मौसम में माँस, मछली, अण्डा, गर्म मसाला, चाय और शराब आदि गर्म चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए |