शहद का सेवन करे और फिट रहे लंबे समय तक

== शहद है गुणों का खजाना , लेकिन अधिक नही खाना ==
शहद का प्रयोग भारत में अतिप्राचीन काल से बहुत रूपो में होता रहा है , और आयुर्वेद में स्वास्थ्य रक्षा की बात करे या इलाज़ की, शहद यानी मधु इसका एक अहम हिस्सा है। अब मेडिकल साइंस भी इसके गूणों पर शोध कर रही है और इसके गुणों को स्वीकर करने लगी है।शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है।
सदियों से शहद का एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में भी इस्तेमाल होता रहा है। दुनिया भर में हमारे पूर्वज शहद के कई लाभों से अच्छी तरह परिचित थे।भारत में शहद आयुर्वेद चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण अंग है। प्राचीन काल में इसे त्वचा और आंखों की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता था और जख्मों पर रोपण के लिए लगाया जाता था।
इतने फायदे होने के वावजूद शहद के सेवन में कुछ। सावधानी रखनी पड़ती है अन्यथा नुकसान होने का खतरा रहता है।
राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ अजय कुमार इसके बारे में बताते हुए कहा की आयुर्वेद में शहद के कई प्रकार बताये गए है।
मधु को परम योगवाही माना गया है अर्थात आयुर्वेद की औषधियों को शहद के साथ लेने से इनके गुणों में बृद्धि हो जाती है। शहद किसी औषधि की क्षमता को भी बरकरार रखती है और उसके असर को लंबा करती है। शहद में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और जिंक आदि खनिज तत्व पाए जाते है.
निम्न अवस्थाओं में मधु के गुण बदल जाते है-
1. नवीन मधु अर्थात 1 साल से कम पुराना मधु बृंहणकारी होता है यानी वजन बढ़ाता है।
2. पुराण मधु, मेद एवं स्थौल्यनाशक होता है अर्थात वजन और मोटापा को कम करता है।
3.ऊष्ण अवस्थाओं में या गर्म करके खाने पर मधु अत्यन्त हानिकारक होता है।
4. मधु में मुख्यतः फ्रक्टोज़ (लगभग ३८.५%) एवं ग्लूकोज़ (लगभग ३१.०%) होता है । ग्लूकोस की मात्रा कम होने के कारण मधुमेह के रोगी भी इसका सेवन सीमित मात्रा में कर सकते है।
5. मधु को अधिक मात्रा में नही लेना चाहिए। अधिक खाने से पाचन संबंधित रोग होते है।
6. मोटे व्यक्ति को मधु को पानी के साथ लेने से वजन काम होता है।
7. बहुत धूप से आकर मधु का सेवन नही करना चाहिए।
ऊपर दी गयी बातों को ध्यान में अवश्य ध्यान रखे। सोशल मीडिया पर भेजे गए अनावश्यक तरीको से मधु का सेवन नही करे अन्यथा लाभ के वजाय हानि पहुचती है।